5 जून 2025 को, दुनियाभर में लाखों यूज़र्स ने देखा कि चैटजीपीटी काम नहीं कर रहा है। चाहे मोबाइल ऐप हो, वेबसाइट या API, सभी प्लेटफ़ॉर्म्स पर सेवाएं बाधित हो गईं। जैसे ही यह समस्या सामने आई, सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया।
यूज़र्स की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर छाया संकट
जैसे ही यूज़र्स को यह एहसास हुआ कि चैटजीपीटी डाउन है, ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #ChatGPTDown ट्रेंड करने लगा। कुछ लोगों ने मजेदार मीम्स शेयर किए, तो कई यूज़र्स ने नाराज़गी जताई, खासकर वे जो इस AI पर अपने काम के लिए निर्भर हैं।
ओपनएआई की प्रतिक्रिया: कंपनी ने क्या कहा?
ओपनएआई ने तुरंत अपनी स्टेटस वेबसाइट पर पुष्टि की कि यह एक बड़ा आउटेज है। तकनीकी टीम ने समस्या की जांच शुरू की और धीरे-धीरे सिस्टम को बहाल करना शुरू किया। हालांकि, शुरुआती घंटों में कोई ठोस कारण नहीं बताया गया।
संभावित कारण: क्यों हुआ यह आउटेज?
हालांकि ओपनएआई ने कोई आधिकारिक कारण साझा नहीं किया, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सर्वर ओवरलोड, सिस्टम फेलियर या इंटरनल अपडेट बग हो सकता है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, भारी ट्रैफ़िक के कारण सिस्टम ने अस्थायी रूप से जवाब देना बंद कर दिया।
सेवाएं कैसे बहाल हुईं?
लगभग 3–4 घंटे की तकनीकी बाधा के बाद, ओपनएआई ने सेवाओं को धीरे-धीरे बहाल करना शुरू किया। पहले प्रो यूज़र्स को प्राथमिकता दी गई, फिर फ्री यूज़र्स को ऐक्सेस मिलने लगा। रात तक सिस्टम लगभग पूरी तरह ठीक हो गया।
इसका प्रभाव: AI पर बढ़ती निर्भरता का नतीजा
इस आउटेज ने यह साबित कर दिया कि आज की डिजिटल दुनिया में लोग कितने ज़्यादा AI पर निर्भर हो चुके हैं। चाहे कंटेंट क्रिएटर हों, स्टूडेंट्स या बिज़नेस यूज़र्स—एक AI टूल के बंद होने से काम रुक गया।
आगे क्या? ओपनएआई को क्या करना चाहिए?
अब जब यह घटना हो चुकी है, यूज़र्स उम्मीद कर रहे हैं कि ओपनएआई अपनी तकनीकी मजबूती बढ़ाएगा। बेहतर सर्वर मैनेजमेंट, पारदर्शिता, और लाइव अपडेट जैसे उपाय ज़रूरी हैं ताकि भविष्य में ऐसे आउटेज न हों।
निष्कर्ष: तकनीक पर भरोसा ठीक, पर तैयारी ज़रूरी
चैटजीपीटी का ठप होना एक बड़ा झटका था, लेकिन यह एक सीख भी है—हम तकनीक पर भरोसा कर सकते हैं, लेकिन हमेशा एक बैकअप प्लान भी होना चाहिए।